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"पानी पानी हर कहीं , पीने को एक बूंद भी नहीं "

Updated: Mar 22


 



 

"पानी पानी हर कहीं पीने को एक बूंद भी नहीं " ये पंक्तियाँ हमारे बुज़ुर्गों ने सुनी होंगी क्या ?हमारे लिए तो वह दिन दूर नहीं हैं I शुद्ध पानी कम मिलनेवाले इन दिनों में जल के लिए एक दिन l सिर्फ उस दिन मोबइल फोन पर स्टेटस देने तक रहा हैं जल संरक्षण के लिए हमारा कर्तव्य l उसके बाद जब वर्षा कम होती है,गर्मी बढ़ती है, नल में पानी नहीं आता है तभी पानी संरक्षण के बारे में.. पानी की कमी के बारे में चर्चा करते हैं, हम -मानव l मनुष्य अपनी बुद्धि - शक्ति से कुछ भी कर सकते हैं l लेकिन अहंकार से ज़रूरतों की ओर अनदेखा करके और अनावश्यक कार्यों को करके ,खुद पर कुल्हाडी मारते हैं l अब एक और विश्व महायुद्ध होगा तो वह पानी के लिए होगा l उसमें आश्चर्य होने की बात नहीं हैं l शुद्ध जल की कमी और स्वाभाविक आवास नष्ट होने के कारण बहुत से जीव जंतु हमारी भूमि से गायब हो गए हैं l उस तालिका में मनुष्यवर्ग भी अपना स्थान बनाएगा क्या ?प्रार्थना करती हूँ कि ऐसा न हो l शुद्ध पानी ईश्वर का वरदान है, हमारा भाग्य हैंl शुद्ध पानी सारे जीवों की ज़रुरत है, उनका अधिकार है l एक -एक बूँद को बचाओ नही तो एक -एक बूँद के लिए तरसेंगे l
 



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